कोविड के बाद पोल्ट्री किसानों के व्यवसाय पर पड़ी दुविधा आयी हुई है।कभी चीक्स के रेट बढ़ना कभी मुर्गी को दाम न मिलनातो कभी फीड के दामों ने आसमान छूना।जैसे अन्य समस्याको झेलते बीते ३ सालो से पोल्ट्री फार्मर अपना गुजर बसर कर रहा है।
कई बार लाखो रुपयों का कर्जा होने के बावजूद परिवार के तरफ देख कर कई निर्णय लेनेसे फार्मर हिचकिचा रहा है। इसका विरोध करते हुए और पोल्ट्री फार्मर के उप्पर होने वाला अन्याय दूर करने के लिए आज एक साथ आने की जरूरत है। इसके लिए।
हमने सभी कुक्कुट किसानों को (कॉकरेल, ब्रॉयलर, गावरान और अन्य खेती करने वाले किसानों) को एक साथ लाने के लिए पोल्ट्री किसानों की एक आपात बैठक बुलाई है। पोल्ट्री किसानों के तरफ की जाने वाली अनदेखी दूर करने के लिए समिती के माध्यम से नागपुर में काम करना है।
साथ ही में सम्बंधित अन्य मांगों पर तत्काल समाधान खोजने के लिए नागपुर जिल्हे के कुही में एक बैठक आयोजित की गई है।जल्द ही एक तारीख निर्धारित की जाएगी।साथ ही में जिस फार्मर का रजिस्ट्रेशन होंगे उनको sms के माध्यमसे सूचना दी जानेवाली है। जिसके लिए किसी भी जिले के पोल्ट्री फार्मर संघ के सदस्य बन सकते हैं।और बैठक का हिस्सा हो सकते है।सभी किसानों से अनुरोध है कि इसमें शामिल हों।
पोल्ट्री फार्म के मुर्गी को न मिलने वाला भाव, इंटीग्रेशन कंपनी की मनमानी के खीलाफ चर्चासत्र और आंदोलन के बारे मे विस्तार चर्चा का आयोजन नागपूर जिल्हे के कूही तहसील मे किया गया है, इस पोल्ट्री फार्मर की बैठक मे सभी फार्मर शामिल हो सकते.बैठक मे शामील होने के लिये अपनी जानकारी नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक कर के दे...आपको sms द्वारा सूचित कीया जायेगा..
सभी पोल्ट्री फार्मर लिंक पे क्लिक कर अपना अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते है, और बैठक का हिस्सा बन सकते है. एकदम मोफत..
निम्नलिखित विषयों पर की जाएगी चर्चा
1) चिकन का उचित मूल्य नहीं मिलने पर चर्चा।
2) किसान पर भरोसा किए बिना इंटीग्रेशन कंपनियों द्वारा मुर्गियों के दाम तय करने पर चर्चा।
3) निजी कंपनी की मनमानी बंद करने पर चर्चा।
4) इन कंपनियों से कीमत तय करने का अधिकार हटाने और किसान को विश्वास में ले कर कीमत तय करने पर चर्चा।
5) त्रैमासिक मूल्य निर्धारण पर चर्चा।
6) इंटीग्रेशन कंपनी कॉकरेल की कीमत तय नहीं करेगी।
7) इंटीग्रेशन कंपनी द्वारा मेंटेनेंस फीस बढ़ाकर 12 रुपये प्रति किलो करने पर चर्चा।
8) कच्चे माल की बढ़ती कीमतों पर चिकन के बढ़ते दामों पर चर्चा।
9) मांस का न्यूनतम समर्थन मूल्य स्थापित करने की आवश्यकता।
10) कुक्कुट पालन कर को ख़त्म करने के संबंध में चर्चा।
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