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केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बलियान ने कहा, निजी कंपनिया पोल्ट्री फार्मर किसानों को कम कीमत देंगी तो सरकार करेंगी हताक्षेप


दिल्ली:
एक जून (भाषा) केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री संजीव बालियान ने बुधवार को मुर्गीपालक (पॉल्ट्री) किसानों को कम कीमत मिलने पर चिंता जताते हुए निजी कंपनियों को आगाह किया कि इस मामले में सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।

मंत्री ने भी अपने विभाग को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए जल्द ही सभी अंशधारकों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया।

बालियान ने गुजरात के बाहर एक सहकारी संस्था स्थापित करने में विफल रहने पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की भी खिंचाई की।

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बालियान ने कहा, ‘‘अगर छोटे पॉल्ट्री किसानों का शोषण किया जाता है तो हमें (भारत सरकार) हस्तक्षेप करना होगा। कंपनियों के साथ पॉल्ट्री किसानों के बाजार एकीकरण के मसले पर ध्यान देने की जरूरत है।’’

निजी कंपनियों के साथ ब्रॉयलर खेती का अनुबंध करने वाले मुर्गीपालक किसानों को कम लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लुधियाना स्थित गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के वर्ष 2005 के एक अध्ययन में भी पाया गया है कि पॉल्ट्री किसानों को उत्पादन लागत से काफी कम राशि का भुगतान किया गया था।

उन्होंने कहा कि जहां एक किसान की कुल लागत 11.15 रुपये प्रति किलोग्राम थी, वहीं उन्हें वापसी केवल 6.41 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिली। जिससे किसानों को 4.75 रुपये प्रति किलोग्राम का नुकसान हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या निजी कंपनियां ‘ईस्ट इंडिया’ कंपनी की तरह काम करना चाहती हैं।

मंत्री ने कहा कि खराब बाजार एकीकरण और कम कीमत की प्राप्ति के चलते पिछले दस साल में एक भी सफल ‘पॉल्ट्री फार्म’ सामने नहीं आया है।

बालियान ने अपने विभाग के सचिव को इस मुद्दे को हल करने और बेहतर बाजार एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी अंशधारकों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया।
Source:Navbharat

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