पोल्ट्रीफार्मिंग के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ सरकार की अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। इस प्राधिकरण के तहत पांच हजार से अधिक पक्षियों वाले फार्मर को परमिशन लेना जरुरी होगा,केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
हरित लवादा ने आदेश दिया है कि 5,000 से अधिक पक्षियों वाली परियोजनाओं को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेना अनिवार्य किया जाए।
साथ ही कुक्कुट परियोजना की स्थापना करते समय यह गांव से पांच सौ मीटर की दूरी पर होना चाहिए। नदियों और नालों से दूर रहना चाहिए। यह राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य सड़क से 100 मीटर की दूरी पर होना चाहिए। यह 1 जनवरी है 2023 से लागु किया जाएगा।
जिले में कई वर्षों से अनाधिकृत पोल्ट्री प्रजनन केंद्र चल रहे हैं। इससे पिछले कुछ महीनों से गांव में दुर्गंध फैली हुई है, और कूड़े की समस्या खड़ी हो गई है. बताया जाता है कि इससे ग्रामीणों के स्वास्थ्य को खतरा है।
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