नागपुर:
विश्व अंडा दिवस पर भारत के लिए पोल्ट्री उद्योग में खुश खबर सामने आई है, टीकाकरण के उपयोग के बिना अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा (एचपीएआई) या 'बर्ड फ्लू' को खत्म करने के प्रयास में, भारत को सफलता मिल गई है।WOAH ने इस खबर की स्व-घोषणा कर दी है।
इन भारत के प्रयासों को हाल ही में वैश्विक नियामक संस्था, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्यता दी गई है। चेन्नई में विश्व अंडा दिवस के एक कार्यक्रम में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा, "यह उपलब्धि पशु स्वास्थ्य और जैव सुरक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।" "भारत, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े अंडे उत्पादक (129.60 बिलियन) और पोल्ट्री मांस (4.47 मिलियन टन) के पांचवें सबसे बड़े उत्पादक के रूप में, इस सफलता से लाभान्वित होगा।
देश के कुल ३६ पोल्ट्री झोन मे से २६ पोल्ट्री झोन एचपीएआई मुक्त करके अपने प्रयास में भारत सफल हुआ है।बाकि 10 और झोन को भी जल्द ही बर्ड फ्लू मुक्त घोषित किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार, भारत ने 26 पोल्ट्री को एचपीएआई मुक्त घोषित किया, जिसे 13 अक्टूबर, विश्व अंडा दिवस पर WOAH द्वारा अनुमोदित किया गया था। ये पोल्ट्री झोन चार राज्यों में है जिनमे महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्थित हैं।
पोल्ट्री उद्योग में लाखों पक्षियों की सुरक्षा के लिए एवियन इन्फ्लूएंजा के खिलाफ निवारक उपायों की मांग हो रही थी। भारत में पोल्ट्री उद्योग का आकार 851 मिलियन पक्षियों का है। और उन्हें बर्ड फ्लू होने का खतरा था। जिससे किसानों की आजीविका,अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और जंगली पक्षियों के स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। WOAH के इस निर्णय के बाद भारत के एक्सपोर्ट में तेजी आने की बात भी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने की है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, भारत ने 64 देशों को पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात किया, जिससे 134 मिलियन अमरीकी डालर का राजस्व प्राप्त हुआ।
भारत में बर्ड फ्लू पहली बार फरवरी 2006 में महाराष्ट्र के नवापुर शहर में पाया गया था। तब से, देश ने विभिन्न क्षेत्रों में एचपीएआई (अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा) के वार्षिक प्रकोप का अनुभव किया है, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। यह बीमारी 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दर्ज की गई है, जिसके परिणामस्वरूप इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लगभग 1 करोड़ पक्षियों को मार दिये गये है। इसके बाद बर्ड फ्लू से जुड़ी कई खबरें आईं लेकिन भारत में पूरी सावधानी बरती गई।
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