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एक बार फिर ब्रॉयलर शेड में मुर्गियों की मौत,लाखों रुपये का नुकसान

भंडारा:
मुर्गी पालन व्यवसाय के लिए 24 घंटे बिजली सप्लाय होते रहे इसलिए २ लाख रूपये खर्च कर के ट्रांसफार्मर लगाया। लेकिन महाराष्ट्र के भंडारा जिले के साकोली तहसील के सोनपुरी में एक पोल्ट्री फार्मर के पोल्ट्री फार्म में लगातार ६ घंटे तक बिजली आपूर्ति बंद रहने से गर्मी और पानी न मिलने के कारण 500 से अधिक मुर्गियां मर गईं। इस संबंध में शिकायतकर्ता किसान को लाखो रुपये का नुकसान हुआ।वहीं शिकायतकर्ता किसान ने यह मुआवजा MSEB द्वारा देने की मांग की है। अन्यथा उपभोक्ता फोरम कोर्ट जाने की चेतावनी दी है। 
सोनपुरी के किसान गिरीश प्रकाश कठाने ने बैंक ऑफ इंडिया से 12 लाख का ऋण लिया और अपने गांव में मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया। बिजली बंद होने के बाद कठाने ने एकोड़ी महावितरण को फोन किया कि यहां 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की गई है। और पक्षी गर्मी के कारण मर रहे हैं। बिजली जाने के बाद उनके पोल्ट्री फार्म के कर्मचारियों ने मुर्गियों को टेम्प्रेचर मेंटेन करने की पूरी कोशिश की। पक्षियों को गर्मी से बचाने के लिए लेकिन पानी के वे प्रयास विफल रहे।

इस किसान के फोन पर महावितरण के कर्मचारियों ने अभद्र जवाब दिया और किसान से फोन पर कहा कि बिजली चालू नहीं होगी। बिजली आपूर्ति 6 ​​घंटे से अधिक समय तक बाधित रही और गर्मी के कारण बुधवार को 472 मुर्गियां मर गईं और गुरुवार सुबह 27 बजे 57 मुर्गियां मर गईं।
लेकिन महावितरण की देरी के कारण पांच सौ से अधिक मुर्गियां गर्मी के कारण मर गईं, जिससे किसान को कुल डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हुआ।
पहलेही विदर्भ में बड़ी इंटीग्रेशन कंपनी द्वारा किसानो का ओपन मार्केट में मुर्गिया पालना बंद हो गया है . बढ़ते फीड और चीक्स के दाम,ने पोल्ट्री फार्मर की कमर टूट गयी है। तो दूसरी और मुर्गियों के रेट भी साल में १० महीने बहोत कम होते है, ऐसे में पोल्ट्री फार्मर को बहोत सी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन MSEB की लापरवाही से एक छोटे पोल्ट्री किसान का लाखो का नुकसान हो गया।
इसके पहिले ऐसी ही घटना 26 मई को भंडारा जिले के लाखनी तहसील के केसलवाड़ा वाघ में गर्मी के से पोल्ट्री फार्मों में 1531 मुर्गियो की मृत्यु हो गईं।केसलवाड़ा वाघ के किसान सतीश वाघाये ने पिछले पांच वर्षों से अपना पोल्ट्री फार्म खोलकर आत्मनिर्भरता की ओर अपनी यात्रा शुरू की। लेकिन बिजली वितरण कंपनी की ढिलाई और भीषण तापमान के कारण इसे काफी नुकसान हुआ था। 

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