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विदर्भ में ठंड का कहर: तापमान गिरा, मुर्गियों और चूज़ों की देखभाल जरूरी

नागपुर: उपराजधानी नागपुर  सहित पूरे विदर्भ में ठंड का प्रकोप जारी है। तापमान में उतार-चढ़ाव के बीच बुधवार को न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस कम है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों में विदर्भ के कई जिलों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरने का अनुमान है।

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विदर्भ के जिलों का न्यूनतम तापमान 
यवतमाल: 9 डिग्री सेल्सियस (सबसे ठंडा जिला)
गोंदिया: 9.4 डिग्री सेल्सियस
अमरावती और बुलढाणा: 9.8 डिग्री सेल्सियस
चंद्रपुर: 10.1 डिग्री सेल्सियस
नागपुर: 10.2 डिग्री सेल्सियस
वाशिम: 13.6 डिग्री सेल्सियस

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ठंड अगले चार से पांच दिनों तक जारी रहेगी, जिससे ठंड का असर बढ़ने की संभावना है। ग्रामीण क्षेत्रो में २ से ३ डिग्री तापमान कम रहेंगा। 
ठंड के मौसम में मुर्गियों और चूज़ों की देखभाल है जरूरी
ठंड के मौसम में मुर्गियों, खासकर छोटे चूज़ों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तापमान में गिरावट से उनकी मृत्यु दर बढ़ सकती है, साथ ही उनकी वृद्धि और स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, पॉल्ट्री फार्म चलाने वालों को इस मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बीते कई दिनीसे नागपुर में पड रही ठंड के कारन आसपास के परिसर के पोल्ट्री फार्म में पल रहे चूजों की मौत हो रही है. 
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चूजों के लिए ब्रूडिंग के दौरान सही तापमान बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि चूजे अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। 
इसके बाद, तापमान को हर सप्ताह 3°C तक कम किया जा सकता है, ताकि चौथे सप्ताह के बाद चूज़े बाहरी जलवायु के अनुकूल हो जाएँ।साथ ही, ब्रूडिंग हाउस में उचित वेंटिलेशन, सफाई और नमी बनाए रखनी चाहिए। 
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मुर्गियों और चूज़ों की देखभाल के लिए सुझावठंडी हवा से बचाव
१)पॉल्ट्री शेड में ठंडी हवा का प्रवेश रोकने के लिए सभी खिड़कियों और दरवाजों को ढककर रखें। 
२)तापमान नियंत्रण: छोटे चूज़ों के लिए शेड का तापमान 30-35 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखें। हीटर या बल्ब का उपयोग करके शेड के अंदर गर्मी प्रदान करें। 
३)बिछावन का प्रबंध: चूज़ों के लिए बिछावन के रूप में सूखी घास, लकड़ी का बुरादा या भूसा डालें। यह चूज़ों को ठंडी ज़मीन के सीधे संपर्क से बचाएगा।
४)संतुलित आहार: मुर्गियों और चूज़ों को ठंड में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए उन्हें प्रोटीन और वसा युक्त आहार दें।
५)पानी का प्रबंध: पानी का तापमान सामान्य बनाए रखें। ठंडा पानी देने से चूज़ों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
६)विटामिन और दवाएं: ठंड में चूज़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। उन्हें नियमित रूप से विटामिन और मिनरल्स सप्लीमेंट दें।
चक्रवात का असर और ठंड बढ़ने की संभावना
मध्य महाराष्ट्र के ऊपर बने चक्रवात के कारण विदर्भ, मराठवाड़ा और कोंकण में अगले चार से पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि पश्चिम महाराष्ट्र को छोड़कर राज्य के बाकी हिस्सों में न्यूनतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

विदर्भ में लगातार गिरते तापमान को देखते हुए पॉल्ट्री किसानों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। सही देखभाल से न केवल ठंड के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है, बल्कि चूज़ों की स्वस्थ वृद्धि भी सुनिश्चित की जा सकती है।
रिपोर्ट: ललित लांजेवार 

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