पानीपत:
नॉर्थ इंडिया ब्रायलर प्रोडक्शन के प्रेसिडेंट चरणजीत सिंह ने अपने साथियों के साथ सोमवार को पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री रणपाल ढांढा से मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य पानीपत में प्रशासन द्वारा सील की गई चिकन दुकानों का समाधान निकालना था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खुले में मांस बेचने वाले सभी दुकानदारों के खिलाफ कारवाई करते हुए प्रशासन ने पानीपत की कई चिकन दुकानों को सील कर दिये। इस कारवाई से प्रभावित दुकानदारों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए श्री रणपाल ढांढा को ज्ञापन सौंपा।
श्री ढांढा ने तुरंत डिप्टी कमिश्नर पानीपत से संपर्क कर सील की गई दुकानों की समस्या को हल करने और जिन दुकानों के पास लाइसेंस नहीं हैं, उन्हें जल्द से जल्द लाइसेंस उपलब्ध कराने की अपील की।
प्रशासन का कहना है कि खुले में मांस बेचना और सड़कों पर मृत मुर्गियों खून के अवशेष फेंकना स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए हानिकारक है। इसी कारण यह कड़ा कदम उठाया गया। हालांकि, दुकानों के बंद होने से करीब 200 लोगों की रोजी-रोटी सवाल उठता देख (PFI) ने जल्द एंट्री ली , जिसके चलते इस मामले में जल्द समाधान मिला।
प्रशासन और व्यापारियों के बीच समन्वय की आवश्यकता
जहां प्रशासन जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कड़े कदम उठा रहा है, वहीं व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
हाल ही में उत्तराखंड में सर्दी के मौसम के बीच सड़क पर मुर्गों से भरे ट्रकों को रोके जाने का मामला सामने आया था। पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) ने इस कार्रवाई को प्रशासन की मनमानी करार देते हुए कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश का सही ढंग से पालन किए बिना मुर्गों की गाड़ियां रोकना किसानों की आजीविका पर सीधा हमला है। खुले आसमान के नीचे लंबे समय तक ट्रक रोके जाने से मुर्गों के मरने का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
PFI ने इस संबंध में केंद्रीय डेयरी एवं पशुपालन मंत्री राजीव रंजन, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डेयरी सचिव अलका उपाध्याय को पत्र लिखकर मांग की है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किए बिना पोल्ट्री व्यवसाय में बाधा न डाली जाए।
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