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भारत में प्रोटीन की कमी चिंताजनक, अंडा और चिकन हैं सस्ते और पोषक समाधान

हैदराबाद:
विश्व प्रोटीन दिवस के अवसर पर पोल्ट्री इंडिया और इंडियन पोल्ट्री इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IPEMA) ने भारत में बढ़ती प्रोटीन की कमी को लेकर जागरूकता फैलाने की पहल की है। संगठन सस्ती और उच्च-गुणवत्ता वाले प्रोटीन स्रोतों जैसे अंडा और चिकन के नियमित सेवन को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है।

एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 73% लोग प्रोटीन की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि 17% आबादी कम वजन की समस्या से ग्रसित है। पोषण संबंधी इस कमी के कारण लोगों को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें विकास रुकना, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता और दीर्घकालिक बीमारियों का बढ़ता खतरा शामिल है।
प्रोटीन की आवश्यकता और समाधान
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन (NIN) के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 0.8-1 ग्राम प्रोटीन का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए। वहीं, जो लोग शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय हैं, उन्हें 20-30 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

अंडा और चिकन इस कमी को पूरा करने का आसान और किफायती समाधान हैं। एक मध्यम आकार के अंडे में लगभग 6 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि चिकन एक बेहतरीन लीन प्रोटीन स्रोत है, जिसमें आयरन, जिंक और विटामिन बी जैसे आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
गलत खान-पान की आदतें बड़ी समस्या
पोल्ट्री इंडिया/IPEMA के अध्यक्ष उदय सिंह बायस ने बताया, "भारत में ज्यादातर लोग कार्बोहाइड्रेट्स को प्राथमिकता देते हैं और यह मानते हैं कि पेट भरना ही पोषण है। लेकिन शरीर में ऊतकों की मरम्मत, एंजाइम और हार्मोन निर्माण, तथा इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है।"

पोषण विशेषज्ञ पूजा मखीजा ने भी प्रोटीन युक्त आहार की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, "मैं लोगों को हफ्ते में कम से कम 5-6 अंडे खाने और अपनी डाइट में नियमित रूप से चिकन को शामिल करने की सलाह देती हूं ताकि शरीर की प्रोटीन की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।"

विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलित आहार में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होना बेहद जरूरी है। अगर सही पोषण पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

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