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अमेरिकी सोरघम (ज्वार) के ड्यूटी फ्री आयात की मांग:भारतीय पोल्ट्री और डेयरी उद्योग को राहत की उम्मीद

भारतीय पोल्ट्री और डेयरी उद्योग को राहत की उम्मीद:रिकी थापर 
नई दिल्ली: भारतीय पोल्ट्री और डेयरी उद्योग ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि अमेरिकी सोरघम (ज्वार) के ड्यूटी फ्री आयात की अनुमति दी जाए, ताकि पशु चारे की लागत को कम किया जा सके। मक्का की बढ़ती कीमतों के कारण भारतीय पोल्ट्री उद्योग को गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और अमेरिकी सोरघम एक प्रभावी विकल्प साबित हो सकता है।
सोरघम(ज्वार): मक्का का बेहतर विकल्प
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ़ इंडिया संयुक्त सचिव रिकी थापर ने कहा की के अमेरिकी सोरघम(ज्वार), जो एक गैर-आनुवंशिक रूप से संशोधित (Non-GMO) फसल है, जिस में मक्का जितना ही स्टार्च और थोड़ा अधिक प्रोटीन होता है। इसे मक्का के स्थान पर 50% तक पोल्ट्री फीड में उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग केवल पशु चारे के रूप में किया जाएगा, इसलिए भारतीय किसानों द्वारा भोजन के लिए उगाए जाने वाले सफेद सोरघम(ज्वार) पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भारतीय और अमेरिकी सोरघम(ज्वार) में अंतर
भारत में उगाया जाने वाला सफेद सोरघम(ज्वार) खाद्य उपयोग के लिए है, जिसकी कीमत लगभग 45 रुपये प्रति किलोग्राम है और इसका आटा 80 रुपये प्रति किलोग्राम में बिकता है। वहीं, भारत में उत्पादित अन्य सोरघम(ज्वार) में टैनिन की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह पशु चारे में सीमित मात्रा में (5-10%) ही उपयोग किया जा सकता है। इसके विपरीत, अमेरिकी सोरघम(ज्वार) टैनिन-रहित होता है, जो इसे पशु आहार के लिए अधिक उपयुक्त बनाता है।
सरकार से मुख्य अनुरोध
* अमेरिकी सोरघम(ज्वार) का ड्यूटी फ्री आयात केवल पशु चारा उद्योग के लिए करने की अनुमति दी जाए।
अमेरिकी सोरघम(ज्वार) का रंग लाल होता है और भारतीय सफेद सोरघम(ज्वार) से अलग है, इसे आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।
मेरिकी सोरघम(ज्वार) को मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)से अधिक कीमत पर ही आयात करने की अनुमति दी जाए, जिससे भारतीय मक्का किसानों के हितों की सुरक्षा हो सके।
भारतीय पोल्ट्री उद्योग को राहत की उम्मीद
PFI सचिव रिकी थापर का मानना है कि अमेरिकी सोरघम (ज्वार) के आयात से पशु चारे की लागत में कमी आएगी, जिससे किसानों और उत्पादकों को आर्थिक राहत मिलेगी। इस कदम से भारतीय पोल्ट्री और डेयरी उद्योग की उत्पादन लागत में उल्लेखनीय गिरावट आएगी और उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिल सकेगा।सरकार से अनुरोध है कि वह जल्द से जल्द इस प्रस्ताव पर विचार करे और भारतीय पशु चारा उद्योग को समर्थन प्रदान करे।
Report:Lalit Lanjewar. 
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