से भारत को क्या लाभ मिलेगा?
दिल्ली:(रिपोर्ट -ललित लांजेवार)
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और नवाचार:
- फ़ीड एडिटिव्स, अनाज विश्लेषण और पोल्ट्री प्रसंस्करण में विशेषज्ञता वाली फ्रांसीसी कंपनियां भारत में उन्नत प्रौद्योगिकियों को पेश कर सकती हैं। इससे उत्पादकता में वृद्धि होगी, चारे की लागत कम होगी, तथा बेहतर गुणवत्ता वाले पोल्ट्री उत्पाद सुनिश्चित होंगे।
निवेश के अवसर:
- यह यात्रा भारत के पोल्ट्री बुनियादी ढांचे में फ्रांसीसी निवेश को प्रोत्साहित करेगी, विशेष रूप से आधुनिक चिकन प्रसंस्करण संयंत्रों, शीत भंडारण सुविधाओं और फ़ीड विनिर्माण इकाइयों की स्थापना में।
ज्ञान साझाकरण और कौशल विकास:
- भारतीय पोल्ट्री किसानों, चारा निर्माताओं और पशु चिकित्सकों को फ्रांसीसी विशेषज्ञों से सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने का अवसर मिलेगा। ज्ञान के इस आदान-प्रदान से कृषि प्रबंधन और परिचालन दक्षता में सुधार हो सकता है।
मजबूत द्विपक्षीय संबंध:
- पोल्ट्री क्षेत्र में भारत-फ्रांस साझेदारी को मजबूत करने से दीर्घकालिक व्यापार समझौते हो सकते हैं, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा। **VIV सेलेक्ट इंडिया 2026** में भागीदारी से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में और वृद्धि होगी।
गुणवत्ता सुधार:
- उन्नत अनाज विश्लेषण और आहार योजकों तक पहुंच के साथ, भारतीय पोल्ट्री उत्पादक पक्षियों के लिए बेहतर पोषण सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए स्वस्थ और सुरक्षित पोल्ट्री उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे।
बाजार विस्तार:
- फ्रांसीसी कंपनियों के साथ सहयोग से भारतीय पोल्ट्री उत्पादों के लिए नए निर्यात बाजार खुल सकते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले प्रसंस्कृत पोल्ट्री को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मान्यता मिल सकती है, जिससे भारत का वैश्विक व्यापार बढ़ सकता है।
बुनियादी ढांचे का विकास:
- कैडियू द्वारा चिकन प्रसंस्करण संयंत्रों के विस्तार पर जोर भारत में स्वच्छतापूर्वक प्रसंस्कृत पोल्ट्री की बढ़ती मांग के अनुरूप है। इस क्षेत्र में निवेश से रोजगार सृजन होगा और अपव्यय कम होगा।
कुल मिलाकर, यह यात्रा एक अधिक आधुनिक, कुशल और प्रतिस्पर्धी भारतीय पोल्ट्री उद्योग के लिए मंच तैयार करती है, जिससे विकास और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
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