नई दिल्ली:
कृषि भवन, नई दिल्ली में पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य देश में फैले एवियन इन्फ्लुएंजा (AI) की चुनौती से निपटना और पोल्ट्री क्षेत्र को आवश्यक सहायता प्रदान करना था। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा प्रमुख पोल्ट्री संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
एवियन इन्फ्लुएंजा से पोल्ट्री सेक्टर को हो रहे नुकसान पर चिंता
बैठक के दौरान पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री रणपाल धांडा ने एवियन इन्फ्लुएंजा के चलते पोल्ट्री किसानों को हो रहे भारी आर्थिक नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बायो-सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के बावजूद यह बीमारी किसानों को गंभीर वित्तीय संकट में डाल रही है। उन्होंने इस संकट से बचने हेतु HPAI (हाईली पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लुएंजा) के खिलाफ टीकाकरण की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
टीकाकरण नीति और मुआवजा तंत्र की मांग
श्री धांडा ने पोल्ट्री उद्योग की सुरक्षा के लिए सरकार से टीकाकरण नीति अपनाने का अनुरोध किया, जिससे पशुपालकों को दीर्घकालिक राहत मिल सके। उन्होंने सचिव को ब्रॉयलर ब्रीडर बर्ड्स की लागत पर आधारित एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की, जिसमें पोल्ट्री किसानों को नुकसान की स्थिति में उपयुक्त मुआवजा देने की आवश्यकता को दर्शाया गया।
उद्योग के रूप में वर्गीकरण से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जटिल
बैठक में एक और अहम मुद्दे पर चर्चा हुई। जो पोल्ट्री किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आ रही समस्याओं का था। श्री धांडा ने बताया कि पोल्ट्री को उद्योग का दर्जा दिए जाने के कारण उस पर औद्योगिक नियम लागू हो रहे हैं, जिससे छोटे और मध्यम किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना बेहद कठिन हो गया है।
संगठित और सक्षम पोल्ट्री उद्योग की दिशा में कदम
इस बैठक में पोल्ट्री क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें नीतिगत सुधार, बीमारियों की निगरानी व्यवस्था, वित्तीय सुरक्षा उपाय और पंजीकरण प्रणाली को सरल बनाना शामिल हैं। विभाग ने यह आश्वासन दिया कि वह उद्योग के हितधारकों के साथ मिलकर एक संगठित, टिकाऊ और मजबूत पोल्ट्री इकोसिस्टम बनाने की दिशा में काम करेगा।
इस बैठक दे दरम्यान विस्तृत प्रतिनिधिमंडल रहा उपस्थित था जिसमे PFI के अध्यक्ष रणपाल धांडा, जिन्होंने HPAI के खिलाफ टीकाकरण की आवश्यकता पर बल दिया। उनके साथ-साथ पशु चिकित्सा दवा उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों का एक व्यापक प्रतिनिधिमंडल भी बैठक में मौजूद रहा, जिसमें INFAH (Indian Federation of Animal Health Companies) के प्रतिनिधि, Vets in Poultry (VIP) से जुड़े वरिष्ठ पशु चिकित्सा विशेषज्ञ,Venky’s Group के प्रतिनिधि,IB Group के अधिकारी,
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